Tuesday, 21 March 2023

"नववर्ष अपना चैत्र मास में ही मनाओ"


"नववर्ष अपना चैत्र मास में ही मनाओ"


परंपराओं रीति-रिवाजों को निभाओ।

संस्कार भारती को कभी भी न भुलाओ।।

परंपरा व रीति-रिवाजों को निभाओ.....


पश्चिम की सभ्यता का अब छोड़ अनुकरण।

पूरब की संस्कृति को दिल में है बसाओ।।

परंपराओं रीति-रिवाजों को निभाओ.....


परिवार साथ मंदिरों में जाइए सभी।

परोपकार करके दिल से हर्ष लुटाओ।।

परंपराओं रीति-रिवाजों को निभाओ.....


माथे पे रक्त चंदन मौली कलाई में।

गीता रामायण वेद  पढ़ो और पढ़ाओ।।

परंपराओं रीति-रिवाजों को निभाओ....


शास्त्र के भी साथ में ही शस्त्र जरूरी।

दुष्टों व देशद्रोहियों को और दूर भगाओ।।

परंपराओं रीति-रिवाजों को निभाओ.....


जात पात भूल के सनातनी हो एक।

केसरी ध्वजा को साथ मिलके उठाओ।।

परंपराओं रीति-रिवाजों को निभाओ.....


बच्चों को सनातन का संस्कार सिखाओ।

देश के भक्तों का इतिहास बताओ।।

परंपराओं रीति-रिवाजों को निभाओ.....


बेटे व बेटियों में ना कोई भेद हो।

शिक्षा के साथ-साथ राष्ट्रप्रेम बढ़ाओ।।

परंपराओं रीति-रिवाजों को निभाना.....


हर तीज व त्योहार में सब कोई साथ हो।

नववर्ष अपना चैत्र मास में ही मनाओ।।

नववर्ष अपना चैत्र मास में ही मनाओ।।


परंपराओं रीति-रिवाजों को निभाओ।

संस्कार भारती को कभी भी न भुलाओ।।

परंपराओं रीति-रिवाजों को निभाओ.....

कवि मोहन श्रीवास्तव




1 comment:

Shobhamohan Shrivastava said...

बहुत सुंदर प्रस्तुति मेरे स्वामी