आप सभी महानुभाव मित्रों को मेरा प्रणाम व नमन एवं नवरात्रि की हार्दिक
शुभकामनायें
आज अम्बे मइया हम आए तेरे द्वारे,
पूरण करो मनोकामना हमारे!!
आज अम्बे मइया हम...............
कैसी है मइया की मुरति सुहानी,
हम सब लाए कलश भर पानी!
मइया के चरण पखारेंगे सारे,
आज अम्बे मइया हम आए तेरे द्वारे...२
साथ मे लाए है सतरंग चुनरी,
मगन है सब कोई द्वारे तुम्हरी
चुनरी पहिराएंगे मइया को सारे
आज अम्बे मइया.............
हमे तेरी पुजा का ग्यान नही माता
हमे मैया तुम्हे खुश करने नही आता
फ़िर भी है बालक हम तेरे दुलारे
आज अम्बे मइया..................
तुम हो केवल मइया भक्ती की भुखी
चाहे खिलाए तुम्हे रुखी-सुखी
अमीर-गरीब सब है तुम्हारे
आज अम्बे मइया...........
फ़ुलों की माला हम सब लाए
तुम्हरी कृपा से ही हम सब आए
सब कोई मइया की आरती उतारे
आज अम्बे मइया.............
अम्बे मइया जी की सिंह सवारी
साथ मे कर मे चमकती कटारी
पापियों को माता उससे संहारे
आज अम्बे मइया................
बिनती कब से करे हम तेरी
रुठी हो क्या माता मेरी
सुनती नही हो मा कब से हम पुकारे
आज अम्बे मइया.......
कितनी है मा अपनी भोली
भर दो मा मेरी खाली झोली
हम सब है मैया बस तेरे सहारे
आज अम्बे मइया हम ...................
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
दिनांक -१४/१०/१९९१ ,सोमवार,रात ,९.३५ बजे,
एन टी,पी,सी,दादरी,गाजियाबाद (उ.प्र.)
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