Saturday 1 October 2011

दहेज के लिए मारा जाता

पत्थर दिल भी कलेजा कांप उठता,
और आंखों में आंसू आ जाता !
जब किसी बाप की बेटी को,
दहेज के लिए मारा जाता !!

उन दहेज लोभी-दरिदों के दिलों में,
इंसान का खून नही होता होगा!
उन अत्याचारियों के नश-नश में,
किसी बहसी जानवर का खून भरा होगा !!

आज हमारे कई घरों मे ,
बहुवों को सताया जाता है !
मैके से दहेज लाने के लिए उन पर,
कई तरह से दबाव बनाया जाता है !!

नर्क बन गया है , जीवन उनका,
उनके रोज-रोज के अत्याचारों से !
वेदना है उनकी नश-नश में,
उनके तीब्र प्रहारों से !!

दहेज के इन भूखे- भेड़ियों को,
कठोर सजाएं दी जाए !
जिससे उनको देख-देख कर,दहेज के लिए,
कोई अपनी बहुवों पर ज़ुल्म न ढहा पाए !!

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
दिनांक-२४/०२/२०००,वॄहस्पतिवार
दोपहर-१२.१० बजे

चंद्रपुर(महाराष्ट्र)


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