भारत का भविष्य नहि है सुरक्षित,
अब ऐसे राजनीतिक नेतावों से !
जो गिर-गिट की तरह रंग बदलते
ऐसे स्वार्थी आकावों से !!
परोपकार का मुखौटा लगा कर के,
ये हमसे वोटों की भीख मांगते हैं !
बस जीत की माला पहनने तक ,
ये हम-तुम्हे पहचानते हैं !!
सत्ता की कुर्सी पाने के लिए ए,
अपने सिद्धांतो की बलि चढ़ा देते !
मंत्री का पद पाने के लिए,
ए अपना मन चाहा वर पा लेते !!
जो कल तक इनके विरोधी थे,
उनसे आज इन्हें परहेज नही !
राजनीति मे सब कुछ चलता है,चल
प्रथम स्वार्थ सिद्धि,मगर पहले देश नही !!
चुनाव के पहले रहते,
पर सत्ता पा जाने से ए ,धनवान बन जाते हैं !
अपने सिद्धांतो की बलि चढ़ाकर,ये
कुछ दिनों मे ही महान बन जाते हैं !!
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
रचना का दिनांक- ८/११/२०००, वुद्धवार,रात १२ बजे
चद्रपुर ,(महाराष्ट्र)
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