हे देशवासियों सावधान,
अब पश्चिमी सभ्यता ने पावं पसारा है !
अपने भारत के कोने-कोने मे इसने,
अपनी अश्लीलता का मोहर मारा है !!
विभिन्न तरह के कर्यक्रमो से,
ये अपनी सभ्यता की धाक जमा रहे हैं !
सिधे-सादे हम भारत वासियो का,
ये खुब मजाक उड़ा रहे हैं !!
यहां कई तरह के विदेशी टी. व्ही चैनल,
अपना नंगा नाच दिखा रहे हैं!
बस नाम के कुछ सेक्सी वस्त्रों से,
खुले आम सेक्स को बढ़ा रहे हैं !!
पैसो की लालच मे कई युवतियां,
आज अंग प्रदर्शन कर रही हैं !
भारतीय संस्कॄति से मुह फ़ेरकर,
अब विदेशियो के रंग मे झूम रही हैं !!
समय रहते रहते हम नही जगे,
तो हम अपने भारत की पहचान भुला देंगे !
अपने देश कि प्यारे संस्कॄति पर,
विदेशी फ़ैशन का जामा पहना देंगे !!
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
दिनांक -२९/१०/२००० ,रात -००.३० बजे,रविवार,
चंद्रपुर (महाराष्ट्र)
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