होली ने कर दिया दिवाना,
राजनिति या दफ़्तर हो !
इसके रंग मे रंग गए है सब,
चपरासी या अफ़सर हो !!
बच्चों को भी हो गया नशा,
होली के त्योहार से !
नए माड्लों के सभी खरीदते,
पिचकारी है प्यार से !!
होली के रंग मे देखो,
रंग गया है सारा जमाना !
बसन्त ऋतु का प्यारा मौसम,
सबको करता दिवाना !!
उत्साह भरा है जन-जन मे,
सब प्यार से होली मनाते !
प्रेम से सब कोई गले मिल रहे,
और आपसी दुश्मनी को भुलाते !!
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
१३-३-२०००,चंद्रपुर महा.
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