Saturday 15 October 2011

हम शेरे दिल है भारत के


आगे बढ़ने वाले हमारे कदम ,
अब पिछे मुड़ के नही देखेंगे !
अग्नि -पर्वत -आंधी-पानी ,
ये हमे नही अब रोकेंगे !!

माथा ऊंचा रहेगा सदा ,
और गर्व से सीना फ़ुला होगा !
आंखों से शोले बरसते होंगे ,
और दिल तो सदा ही खुला होगा !!

हमे गुरू जगत वाले कहते ,
पर हमें गुरुता का अभिमान नही !
अपमान नही किसी का करते हम ,
और चाहिए हमे सम्मान सही !!

अन्याय पसंद नही है हमे ,
हम न्याय पे चलते जाएंगे !
हम शेरे दिल हैं भारत के ,
हम वतन के लिए शीश कटाएंगे !!

अहिंसा हमे प्यारा है ,
और हम हिंसा से नफ़रत करते हैं !
गुलामी पसंद नही है हमे ,

हम आजादी की ईज्जत करते हैं !!

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
दिनांक-२७/०३/२००० ,सोमवार  शाम - .३० बजे

चंद्रपुर (महाराष्ट्र)

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