हम नन्हे-मुन्ने है बच्चे ,
हमे प्यार की नजर से देखो !
हम सब है दिल के अच्छे ,
नफ़रत से हमे मत देखो !!
हम देश की भावी आशा ,
रक्षा हम करेगे तुम्हारी !
कभी आने नही देगे निराशा ,
ये बात समझ लो हमारी !!
हम वीरो की भूमि मे जन्मे ,
हम वीर बनेंगे ऐसा !
हम वतन पे जान लुटा देगे ,
हम मरेगे वीरो ही जैसा !!
श्रद्धा से यदि हमे देखोगे ,
हम भगवान नजर तुम्हे आएंगे !
शैतानो कि दॄष्टि से देखोगे ,
तो हम यमराज बनके तुम्हे डराएंगे !!
हमसे यदि प्यार को लेना है ,
तो हमे तुमसे भी प्यार जरुरी है !
हमे ईंसानियत की राह पे चलना है ,
बस यही धर्म हमारा मज़बूरी है !!
हम नन्न्हे -मुन्ने है बच्चे.......
मोहन श्रीवास्तव
दिनांक-१८/०७/२००० ,मंगलवार , दोपहर - १२.१० बजे,
चंद्रपुर (महाराष्ट्र)
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