हे आशुतोष भोले बाबा, विनती सुन लो आके मेरी!
मेरी प्रभु करुण पुकार सुनो,करते हो प्रभु तुम क्यु देरी!!
हे आशुतोष .........................
तुम महाकाल-तुम महाशक्ति,भक्तो पे कृपा बरसाते
हो!
हे महादेव तुम खोए कहा,हमको तो आसरा है तेरी!!
हे आशुतोष..........................
हमसे हो प्रभु तुम क्यु रुठे,मेरे उपर दया नही करते!
हम बाल तुम्हारे है भगवन ,अपराध क्षमा कर दो मेरी!!
हे आशुतोष........................
ते्री अलख जगाते है कब से, लगता है प्रभु तुम सोए हो!
अब नीद से जागो भगवन ,हम दरश चाहते है तेरी!!
हे आशुतोष..............................
तुम निराकार परमेश्वर हो, कण-कण मे तुम बसने वाले!
मेरे बन्धन काटो भगवन, हमको तेरी माया घेरी!!
हे आशुतोष.........................
हम मूढ़ बुद्धि अग्यानी हैं,तेरी पूजा का हमको ग्यान नही!
हे नाग देवता के स्वामी, स्वीकार करो,पूजा मेरी!!
हे आशुतोष ........................
हम कब से तुम्हे पुकार रहे,प्रभु आवो हिमालय पर्वत से!
हे गिरिजापति,कैलाषनाथ, आशिश चाहते है तेरी!!
हे आशुतोष.......................
मेरी लाज जा रही है भगवन ,आके किसी तरह से बचा लो तुम!
ये ईज्जत बच जाए स्वामी, यदि भृकुटी फ़िर जाए तेरी!!
हे आशुतोष भोले बाबा............................
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
दिनांक- १/९/१९९१ ,रविवार ,सुबह ,६.२० बजे ,
एन.टी.पी.सी.दादरी ,गाजियाबाद (उ.प्र.)
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