Sunday, 27 November 2011

दे-दे प्यार कोइ ..


दे-दे प्यार कोइ मै तो तरसता रहा!
अपना बना ले यार कोई,मै तो तड़पता रहा!!
दे-दे प्यार कोई....
सड़को पे गलियो मे घुमू फ़िरू कोई नजर नही आता!
कालेजो मे इसके लिए मै तो वहा आता जाता!!
चारो तरफ़ हमे दिखती नही,कही भी प्यार की आशा..
दे-दे प्यार ...
मैने जिसे भी चाहा यार,वो मेरी अपनी नही!
कैसे बताउं दिल का हाल सब कुछ मानो सही!!
मेरी किस्मत मे कोई आ जाय बन जाये मेरी तकदीर..
दे-दे प्यार कोई...
दिल है सुना-सुना मेरा,मै तो खड़ा तेरी राहो मे!
कोइ मेरे दिल की मस्तपरी,आ जावो मेरी बाहो मे!!
मिल जाए मुझको तेरा प्यार,सारा जहा मै लुटा दूं...
दे-दे प्यार....
सारा जहा मे ढूढ़ा उसे वो मुझे मिलती नही!
कोई उसका मुझे पता बता दे,मै तो जाउंगा वही!!
मेरी प्यारी किस्मत को कोई मुझे मिला दे..
दे-दे प्यार...
गोरे गाल है उसके यारो,तिरिछे नयनो वाली!
पतली कमर है रेशमी बाल,और होठो पर लाली!!
नही पता है उसका यारो ,कौन है उसका माली...
दे-दे प्यार...
सिधी-सादी नखरे वाली,बाते करती वो प्यारी!
हम तो उसके दिवाने हो गए,वो ना हुई हमारी!!
कोई उसे समझा दे यारो,हम करते उसे प्यार...
दे-दे प्यार....

मोहन श्रीवास्तव
दिनांक-२०/७/१९९१ ,शनिवार,दोपहर ,२.५० बजे,
एन.टी.पी.सी.दादरी ,गाजियाबाद (उ.प्र.)

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