Sunday 27 November 2011

लोक गीत(हमरे भारत के ललनवा)


हमरे भारत के ललनवा तु जगे,धरती पुकारे तोहे आज हो!
काहे तू सेजवा पे सोअत हउअ,तोहरे ऊपर नाज हो!!
हमरे भारत के ललनवा....
सिमवा पे इकरे दुश्मन खड़ा बा,तोहे रहा ललकार हो!
सर पे कफ़नवा तु बांधि के ललना,कर द अओपर प्रहार हो!!
हमरे भारत ....
सोनवा क चिड़िया भारत रहल बा,वैसइ इहा क ईमान हो!
जइसइ माटी से सोनवा मिलेला,वइसइ इहा क ईंसान हो!!
हमरे भारत के...
मरि जाये चाहे कोई काटइ सिरवा,बेचिहहि न आपन आन हो!
मरते दम्तक न छोड़िहहि सथवा,अइसन इहा क ईन्सान हो!!
हमरे भारत के...
आजाद, भगत सिंह,नेहरु,गांधी,शास्त्री,पटेल व सुभाष हो!
झांसी क रानी क अमर कहनिया,इन पर बा देशवा के नाज हो!!
हमरे भारत के.....
तरह-तरह के धरम के लोगवा,रहलेन सब एक साथ हो!
राम-कॄष्ण क पावन भुमिया,जे के झुकावै सब माथ हो!!
हमरे भारत के................
इहा क लोगवा क अनुपम रिवजवा,जे करा न कर सके बखान हो!
इहा के वासी आन के खातिर,देलेन आपन जान हो!!
हमरे भारत के.................
अपने धरोहर के रक्षा के खातिर,सब कोई बन जा तुफ़ान हो!
दुश्मन के दतवा के खट्टा तु करके,बनि जा तु सिंह समान हो!!
हमरे भारत के ललनवा...............

मोहन श्रीवास्तव
दिनांक-२६/७/१९९१ ,शुक्रवार ,शाम-५.१५ बजे,
एन.टी.पी.सी.दादरी ,गाजियाबाद (उ.प्र.)

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