Monday 19 February 2024

भ्रष्टाचार का काला जादू

भ्रष्टाचार का, काला जादू,
आज सब के सर पर, चढ़ कर, बोल रहा है ।
चंद पैसों की, लालच में,
ईंषान का, ईमान डोल रहा है ॥

सरकारी तंत्र में, भ्रष्टाचार,
आज देखो अपने, चरम पर है ।
पर अब निजी, महकमें भी,
इनसे नहीं कोई, कम हैं ॥

इनमे भी प्रतिशत का जाल बुना,
जहां खुले आम हैं रिश्वत लिये जाते ।
नीचे से लेकर ऊपर तक,
हस कर के जहर ये पिये जाते ॥

चमचों व चापलूसों का,
इनमें वर्चस्व रहा करता ।
ईमान दार व कर्मठ का दिल,
इन सबसे तो है दुःखा करता ॥

मालिक-मैनेजरों की चापलुसी कर के,
ये चमचे हैं तरक्की कर जाते ।
पर यहां भी ईमान्दारों के बुरे हाल,
वे हर पल इनसे घबराते ॥
वे हर पल इनसे घबराते......

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
27-07-2013,saturday,5pm,
pune,maharashtra.

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