Monday 19 February 2024

हम सब फूल हैं रंग-बिरंगे

हम सब फूल हैं रंग-बिरंगे,
खुशबू जहां को देते
दुख आये फिर भी हम हंसते,
और सब जगह हम हैं मिलते

गुलाब कमल चम्पा-चमेली,
कई हैं हमारे नाम
अच्छे -बुरे सभी जगहों में,
आते हैं हम काम

कभी हम हैं चढ़ते देवों के लिये,
तो कभी किसी का सम्मान बनते हैं हम
कभी शव पे चढ़ाये जाते हैं हम,
तो कभी श्मसान मे मिलते हैं हम

हम कांटों मे भी रहकर के,
इस जहां को फूल बन मिलते हैं
कितना भी दुख आये हम पर,
पर हम सदा-सदा ही खिलते हैं

दुनिये मे यदि तुम जनम लिये,
तो फूल बनकर के दिखलावो
कांटे कितने भी चुभायें तुम्हें,
पर तुम अपनी खुशबू बिखरावो

हम सब फूल हैं रंग-बिरंगे,
खुशबू जहां को देते
दुख आये फिर भी हम हंसते,
और सब जगह हम हैं मिलते

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
10-06-2013,monaday,
7 p.m,pune,maharashtra



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