ये हिंद है हमारा, प्यारा तो दोस्तों।
सारे जहां से न्यारा,यारा है दोस्तों ॥
ये राम,कृष्ण,नानक का, देश दोस्तों ।
देता सदा ये शान्ति का, संदेश दोस्तों ॥
ये ईंषानियत का दुनिया को, है पाठ पढ़ाता ।
सत्य का भी ग्यान ये,दुनिया को कराता ॥
इतिहास है गवाह ,ये वीरों की है धरा ।
जन-जन मे यहां प्रेम और, पुरुषार्थ है भरा ॥
सभी जाति और धर्म का संगम तो यहां है ।
विभिन्नता मे एकता,हरदम तो यहां है ॥
सब कोई मिल के, सुख-दुःख आपस मे बांटते ।
हर पर्व मे सब कोई, मिल-जुल के नाचते ॥
इसका किसी से कोई तो, बैर नही है ।
पर हिंद के तो, दुश्मनों की खैर नही है ॥
अमृत तुल्य पानी, ऐसी नदी यहां है ।
जिसका है नाम गंगा, और महिमा महान है ॥
हिमालय है ताज हिंद का,कश्मीर स्वर्ग है ।
इस आजाद देश मे तो, हर कोई स्वतन्त्र है ॥
वीरता मे हिंद का, शानी कोई नही ।
हर रोज वीरता की, कहानी नई-नई ॥
ये इण्डिया है इण्डीय़ा,भारत महान है ।
दुनिया मे अपने हिंद का,अलग पहचान है ॥
ये हिंद है हमारा, प्यारा तो दोस्तों।
सारे जहां से न्यारा,यारा है दोस्तों ॥
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
18-08-2013,saturday,4am.(726),
pune,maharashtra,
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