Monday 19 February 2024

बेटा मेरे बेटा

इस जहां से न्यारे हो,तुम मेरे दुलारे हो।
बेटा मेरे बेटा,तुम प्राण अधारे हो ॥
कब से भूखा है तू,आ दूध पिला दूं मैं ।
कब से सोया है नहीं,आ तुझे सुला दूं मैं ॥
इस जहां से न्यारे हो.......

स्नान नहीं किया तू,आ स्नान करा दूं मैं ।
कुछ देर ठहर जा तू,पकवान बना लूं मैं ॥
तू खा नही सकता है,आ तुझे खिला दूं मैं ।
तू चल नही सकता है,आ तुझे चला दूं मैं ॥
इस जहां से न्यारे हो.......

आग वहांपर है,मेरा लाल न वहां तू जा ।
मैं तुझे बुलाती हूं,कदमों से चलकर आ ॥
तुझे माँ कहना नहीं आता,आ तुझे सिखा दूं मैं ।
तू पढ़ भी नही सकता,आ तुझे पढ़ा दूं मैं ॥
इस जहां से न्यारे हो.......

तू स्कूल में पढ़ सकता,आ तेरा नाम लिखा दूं मैं ।
तू अच्छी पढ़ाई कर,तुझपे सब कुछ लुटा दूं मैं ॥
कर लिया पढ़ाई तूं,और नौकरी पा गया है ।
किसी अच्छी लड़की से,तेरा विवाह करा दूं मैं ॥
इस जहां से न्यारे हो.......

अब वो शक्ति नही है रहा,कि तेरा भार उठा सकूं मैं ।
बूढ़ी मैं हो जो गई,अब तुझे कोई पाठ पढ़ा दूं मैं ॥
खो गया तु अपने में,शायद मुझे भूल गया ।
मेरे जाने का समय,लगता है आ है गया ॥
इस जहां से न्यारे हो.......

जा रही हूं दुनिया से,बेटे मेरे खुश रहना ।
तुझे लाख दुआ मेरी,तू दुःख ना कभी सहना ॥
मैं बिदा हो रही हूं,मुझे कफन ओढ़ा देना ।
बेटा मेरे बेटा,मुझे कंधा दे देना ॥
इस जहां से न्यारे हो.......

मेरे अस्थिकलश को तू,गंगा में बहा देना ।
बेटा मेरे बेटा,परोपकार सदा करना ॥
जीवन में संघर्ष बहुत,उससे न डरा करना ।
आश सदा रखना,उदास नही होना ॥

इस जहां से न्यारे हो,तुम मेरे दुलारे हो।
बेटा मेरे बेटा,तुम प्राण अधारे हो ॥
कब से भूखा है तू,आ दूध पिला दूं मैं ।
कब से सोया है नहीं,आ तुझे सुला दूं मैं ॥
इस जहां से न्यारे हो.......

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
25-07-2013,thursday,5pm,
pune,maharashtra.

No comments: