Monday 19 February 2024

दांत

शरीर के अंग सभी, होते हैं काम के,

पर दांत तो, सबसे निराला है ।

बत्तीस दातों के, साथ हमें,

मिलता जो हमें, निवाला है ॥



दातों से हमें, मिलता है भोजन,

जिसे कूच-कूच कर, खाते हैं ।

हर तरह की, चीजों को खाकर,

हम अपनी भूख, मिटाते हैं ॥



कई प्राणियों के, ये जीवन रक्षक,

जिनसे आहार सभी पाते ।

दांत हमारे, महत्व पूर्ण अंग हैं,

जिनका बखान न, हम कर पाते ॥



दांत मिला है, हम सब को तो,

शाकाहारी चीजों को ही खायें ।

जिससे ये और, अपवित्र न हो,

इन्हें संभालकर रखे जायें ॥



हमारे लिये ये, इतना करते,

तो हम सब के, लिये भी जरुरी है ।

नित्य-प्रति इनका साफ-सफाई,

हम सब के लिये, बेहद जरुरी है ॥



हम सब में से, जिनके नहीं हैं दांत,

वो तो बहुत अभागा है ।

इसके बिना तो, उसका जीवन,

लगता है बस आधा है ॥

इसके बिना तो, उसका जीवन,

लगता है बस आधा है............



मोहन श्रीवास्तव (कवि)

www.kavyapushpanjali.blogspot.com

22-07-2013,monday,11:15pm,

pune,maharashtra.

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