Monday 19 February 2024

आया मौसम प्यार का

आया मौसम, प्यार का,
मै पल-पल तुमको, निहारता,
सुरज छिपता व, निकले चाँद
झिल-मिल करता, नीला आकाश
मिलन हुआ देखो, मेरा तुम्हारा
तुम बढ़कर, मेरी जान से
आया मौसम .........२

आओ मिल कर, प्यार करें,
दिल से दिल की, बात करें 
फूलों मे तुम तो, गुलाब हो
पीने मे तुम तो, शराब हो
रस हो तुम, अंगूर का
कजरारी, आखें जाम से
आया मौसम......२

चलो दूर जहां, कोई न हो
तुम तो मेरी, परी सी हो
माथे पे तेरे, लट बिखरे
नटखटी अदा सी, तेरे नखरे
क्या मैं कह के, तुम्हे बुलाऊं
प्यारी अपनी, जबान से
आया मौसम........२

आग लगी है, तन मे मेरे
प्यास लगी है, मन मे मेरे
बर्फीले बदन से, आग बुझाओ
प्यास मिटाने, तुम आओ
इस चका चौंध मे, मस्त हुए हम
आवो खुशियां, मनाये  नाच के

आया मौसम, प्यार का,
मै पल-पल, तुमको निहारता,
सुरज छिपता व, निकले चाँद
झिल-मिल करता, नीला आकाश
मिलन हुआ देखो, मेरा तुम्हारा
तुम बढ़कर, मेरी जान से
आया मौसम .........२

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
26-12-1999,1:45pm,sunday,
chandrapur,maharashtra.

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