Monday 19 February 2024

भगवान ने दुनिया को

भगवान ने दुनिया को, कैसा बनाया है ।
हर चीज जरुरत की, यहां पर तो बसाया ॥

रहने के लिये ये जमीन,खाने के लिये भोजन ।
पीने के लिये पानी, हर चीज बनाया है ॥

हर तरह के लोग यहां, अनगिनत जीव जो हैं ।
ये रंग-बिरंगा जीवन, पर दिल एक बनाया है ॥

सागर,नदियां,पर्वत, ये बहते हुए झरनें ।
ये हरे-भरे जंगल, जो मन को लुभाया है ॥

दिन-रात,सुबह और शाम, दुःख-सुख,रोना-हंसना ।
फूल और काटों में, हमे जीना सिखाया है ॥

दिल भरता नही किसी का, हर कोई चाह लिये ।
ये जन्म-मृत्यु के चक्कर मे, सबको उलझाया है ॥

भगवान ने दुनिया को, कैसा बनाया है ।
हर चीज जरुरत की, यहां पर तो बसाया ॥

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
17-07-2013,wednesday,1:30pm,
pune,maharashtra.

No comments: