Monday 19 February 2024

पिता

इस जहां से न्यारे हो,तुम हम सब के दुलारे हो ।
पापा मेरे पापा,तुम कितने प्यारे हो ॥
आकाश भी ऊंचे हो,सागर से भी गहरे ।
मम्मी के भी तुम,प्राणों से प्यारे हो ॥
इस जहां से न्यारे हो......

हमको सुख से पापा,तुम तो रखते हो ।
अपने दुःख में रह कर,हमें खुशियां देते हो ॥
हम सब के लिये देखो,मम्मी से दूर रहते ।
पापा मेरे पापा,तुम कभी ना कुछ कहते ॥
इस जहां से न्यारे हो......

हर रिश्ते-नातों का,तुम भार उठाते हो ।
जीवन भर तुम पापा,इन सब को निभाते हो ॥
हम पढ़े-लिखें अच्छा,जीवन जिएं बेहतर ।
पापा मेरे पापा,हमें अच्छा बनाते हो ॥
इस जहां से न्यारे हो......

कंधों पर भार कितना,हंसते हुए ढोते हो ।
दुःख आये भी जितना,दिल में रो ले लेते हो ॥
हम सब के लिये तुम तो,एक सहारा हो ।
पापा मेरे पापा,तुम जीवन धारा हो ॥
इस जहां से न्यारे हो......

पापा तुम्हें बुलाते हैं,सब कई नाम लेकर।
बाबू,डैडी,अब्बा,पिता जी आदि कहकर ॥
पापा,फादर,बाबा,कई, नामों से बुलाते हैं ।
पापा मेरे पापा,तुम्हें पहचान दिलाते हैं ॥
इस जहां से न्यारे हो......

भगवान हमारे हो,तुम प्राण अधारे हो ।
तुम चाहे जहां भी रहो,पर दिल में हमारे हो ॥
आदर्श हमारे हो,तुम शान हमारे हो ।
पापा मेरे पापा,तुम महान हमारे हो ॥

इस जहां से न्यारे हो,तुम हम सब के दुलारे हो ।
पापा मेरे पापा,तुम कितने प्यारे हो ॥
आकाश भी ऊंचे हो,सागर से भी गहरे ।
मम्मी के भी तुम,प्राणों से प्यारे हो ॥
इस जहां से न्यारे हो......

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
24-07-2013,wednesday,4am,
pune,maharashtra.

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