Monday 19 February 2024

पर आज के भारत को देख-देख कर

आजादी की लड़ाई मे, जो रहे वीर,
वे सब सुंदर भारत का, सपना देखे थे
हर जगह होगा, राम-राज्य,
और उनके तो, सपने अनोखे थे

सबको समानता का, होगा अधिकार,
और कहीं उंच-नीच का, भेद हो
महिलाओं को मिले उचित स्थान,
और किसी भी तरह का द्वेष हो

स्वार्थ की राजनीति से हटकर,
देश की विकास की सब बात करें
लड़ना होगा कभी किसी को,
तो अपने देश के लिये लड़ें

चोरी-बेइमानी नही होगा,
सब ईमानदारी को गले लगायेंगे
होली,दिवाली,बैसाखी,ईद,
सब मिल-जुल कर आगे मनायेंगे

पर आज के भारत को देख-देख कर,
उनकी आत्मा तो रो रही है
आजाद भारत के सपने पर,
स्वार्थ की आरी चल रही है
आजाद भारत के सपने पर,
स्वार्थ की आरी चल रही है.....

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
15-08-2013,thursday,5:30pm,
pune,m.h.(725)


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