वक्त बड़ा बलवान है भाई,
वक्त बड़ा बलवान ।
करना नही गुमान हे भाई,
वक्त बड़ा बलवान ॥
वक्त बड़ा बलवान....
बड़े-बड़े जो धीर पुरुष हैं,
वे भी नही बच पाते ।
वक्त की जाल मे अच्छे-अच्छे,
देखो हैं फ़ंस जाते ॥
वक्त बड़ा बलवान.....
जो हमने सोचा नही होता,
वक्त उसे करवाता ।
कुछ पल पहले हंसते लोगों पे,
दुःख का पहाड़ गिराता ॥
वक्त बड़ा बलवान....,.
नही चाहते अलग सब होना,
पर ये अलग कराता ।
दूर चाहते नही हैं जाना,
पर ये दूर कराता ॥
वक्त बड़ा बलवान....
राजा को कभी रंक बनाता,
रंक को देखो राजा ।
इअसकी मर्जी से सब चलता,
ये सब का है राजा ॥
वक्त बड़ा बलवान.....
वक्त है आगे-आगे चलता,
हम सब इसके पिछे ।
ये तो सब के ऊपर रहता,
हम सब इसके निचे ॥
वक्त बड़ा बलवान......
अहंकार का दुश्मन है ये,
ये उन्हें उनकी औकात दिखाता ।
बिछुड़े हुओं को देखो ये,
फ़िर से है ये मिलाता ॥
वक्त बड़ा बलवान है भाई,
वक्त बड़ा बलवान ।
करना नही गुमान हे भाई,
वक्त बड़ा बलवान ॥
वक्त बड़ा बलवान....
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
दिनांक-२१-०५-२०१३,मंगलवार,
रात्रि-९.३० बजे,पुणे ,महाराष्ट्र
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