Monday 19 February 2024

कहां गये आजादी के दीवाने

कहां गये आजाद, भगत सिंह,

नेहरू-शास्त्री,गांधी ।

कहां गये आजादी, के दीवाने,

और सुभाष बोष, की क्रान्ति ॥



आजादी दिलाई थी, हम सब को,

क्या-क्या सपने, देखे थे ।

सब कुछ निछावर, कर के अपना,

मुस्काते भारत का, सपना देखे थे ॥



आज के भारत को, देख-देख कर,

उनकी आत्माएं, रोती होंगी ।

भ्रष्टाचार में डूबे, भारत से,

उनके दिल में, वेदना होती होगी ॥



चारों तरफ, लूट-पाट,

अत्याचार, चरम पर है ।

नारियों की ईज्जत, लुट रही आज,

और संकट अपने, वतन पर है ॥



वोटों के विकास में, दिलचस्पी है बहुत,

पर देश के विकास मे, ध्यान है कम इनका ।

दिन-रात बढ़ रही, किमतों से,

प्रजा का हाल, बिन जीवन का ॥



दर्द से कराहते हुए, भारत को,

आकर छुटकारा, दिला जावो ।

मातॄ भूमि की, डूबती नइया को,

आकर, पार लगा जावो ॥



मोहन श्रीवास्तव (कवि)

www.kavyapushpanjali.blogspot.com

27-02-2000,sunday,8pm,

chandrapur,maharashtra.

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