सारे जहां मे धूम मचा है,माँ के नाम का देखो ।
जय कारों से गूंज उठा है,हर एक दिशाएं देखो ॥
चलो मइया के दरबार, प्यारे भक्तों.....२
ऊंचे पहाड़ा वाली मां के, लाल ध्वजा फहराये....२
कनक-कंगूरे मां के देखो,जो अपनी छ्टा चमकाये....२
मनोकामना पुरी होती...२,जो माता के द्वारे आये...२
चलो मइया के.......२
ऊंचे-निचे,चौड़े-संकरे,मन्दिर के, रस्ते देखो....२
दूर-दूर से आते सब जन,भक्तों की भीड़ जो देखो....२
श्रद्धा और विश्वाश है जिनको....२, वे ही माता के दरश हैं पाये.....२
चलो मइया के......२
लाल चुंदरी मे माता,हंसती से नजर है आये.....२
चरणों मे उनके शीश नवाकर, वे बिन मांगे सब हैं पाये......२
हम भी दिल से मांगे तो....२, मइया झोली अपनी भर देगी....
चलो मइया के..........२
माता के द्वारे दीप जलाकर,अपने घर मे रोशनी ले लो.....२
कर्पूर आरती माँ का कर के,अपने आंगन को खुशियों से भर लो...२
प्यार से मां को भोग लगाकर..२,अपने घर मे खजाने भर लो....२
चलो मइया के दरबार प्यारे भक्तों.....२
ऊंचे पहाड़ा वाली मां के, लाल ध्वजा फहराये....२
कनक-कंगूरे मां के देखो,जो अपनी छ्टा चमकाये....२
मनोकामना पुरी होती...२,जो माता के द्वारे आये...२
चलो मइया के.......२
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
02-01-2000,sunday,12:45pm,
chandrapur,maharashtra.
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