प्रभु हमपे कृपा, करो इतना,
ये जीवन, भजन से तर जाये ।
ये बिगड़ा हुआ, अपना जीवन,
तुम्हरी कृपा से, सुधर जाये ॥
प्रभु हमपे कृपा.......
हम जहां रहें,जैसे भी रहें,
पर ध्यान, तुम्हारे मे ही हो ।
चलते-फिरते,सोते-उठते,
बस नाम तुम्हारा, लिया करें ॥
प्रभु हमपे कृपा.......
प्रभु रूप तुम्हारा, अति प्यारा,
दिल में तो, हमारे रहा करो ।
प्रभु मुस्कान, तुम्हारा अति न्यारा,
नयनों में, हमारे बसा करो ॥
प्रभु हमपे कृपा.......
हमें धन-दौलत भी, उतना ही दो,
उसमे हम, गुजर-बसर कर लें ।
यदि याचक, आ जाये कोई,
कुछ उनके लिये भी, दे हम सकें ॥
प्रभु हमपे कृपा.......
इतना भी सुख, मत दो हमको,
कि सुख में तुम्हें, भुला पायें ।
यदि दुःख में रहेंगे, हम भगवन,
तो याद तुम्हें हम, कर पायें ॥
प्रभु हमपे कृपा, करो इतना,
ये जीवन भजन, से तर जाये ।
ये बिगड़ा हुआ, अपना जीवन,
तुम्हरी कृपा से, सुधर जाये ॥
प्रभु हमपे कृपा.......
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
30-07-2013,tuesday,4:15pm,
pune,maharashtra.
No comments:
Post a Comment