Monday 19 February 2024

छाता

छाता-छाता, प्यारा छाता
बादल देख के, ये मुस्काता

काला,गुलाबी,पिला छाता
हरा,बैगनी,नीला छाता

कई रंग में, मिलता छाता
सतरंगी, चमकिला छाता

बारिस से ये, हमे बचाता
देखो हमारा ये, प्यारा छाता

ये है हमारा, प्यारा साथी
इसकी याद, बारिस में आती

छाता-छाता, प्यारा छाता
बादल देख के, ये मुस्काता

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
01-08-2013,thursday,4am,
pune,maharashtra.



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