Monday 19 February 2024

पापा मेरे पापा

पापा मेरे पापा, मेरे प्यारे-प्यार पापा.........२



दफ्तर से तुम, जल्दी आना,

पापा अपने, परिवार में ।

मम्मी के संग, रहेंगे हम सब,

आप के, ईंतजार में ॥

पापा मेरे पापा......



कहीं घुमने चलेंगे, हम सब,

पापा सब कोई, साथ में ।

झुमेंगे-नाचेंगे, खुशियां मनायेंगे,

आज की हम, रात मे ॥

पापा मेरे पापा......



सैर सपाटा करेंगे, हम सब,

हरे-भरे, मैदानों में ।

खा-पी करके, मौज करेंगे,

इस नई सदी के, जमाने में ॥

पापा मेरे पापा......



रंग-बिरंगे, फैशन के,

मेले में हम, जायेंगे ।

उस मेले में ,घुम-घूम कर के,

ढेरों खुशिया, मनायेंगे ॥

पापा मेरे पापा......



नई जगह की, सैर करेंगे,

फिर घर में, वापस आयेंगे ।

गुड नाइट मम्मी, को बोलके,

फिर बिस्तर पे, सो जायेंगे ॥

पापा मेरे पापा......



नीद में हम, सपना देखेंगे,

अपनें देखे हुए, स्थानों की ।

सपनें में हम, सैर करेंगे,

चमकते, चाँद-सितारों की ॥

पापा मेरे पापा......



आना पापा, जल्दी दफ्तर से,

वर्ना हम, रूठ जायेंगे ।

दिल टूटेगा, मम्मी का भी,

फिर मम्मी को, आप मनायेंगे ॥

पापा मेरे पापा......



मोहन श्रीवास्तव (कवि)

www.kavyapushpanjali.blogspot.com

27-02-2000,sunday,5.45pm,

chandrapur,maharashtra.

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