Monday 19 February 2024

मरने पर भी आत्मा रोता है

आज-कल के जमाने को, देख-देख कर,
दर्द दिलों मे, होता है ।
पत्थर दिल भी, कलेजा कांप उठता,
मरने पर भी, आत्मा रोता है ॥

दुर्घटनावों मे, किसी की मौत हुई तो,
दलाल लाशों का, सौदा करते हैं ।
पोस्टमार्टम के लिये, कई डाक्टर,
पैसों की, बातें करते हैं ॥

थानें मे रपट, लिखानी हो तो,
पहले उनकी, जेबें गरम करो ।
मन्दिर मे, दर्शन पाना है तो,
पुजारियों को, दक्षिणा पहले दो ॥

सरकारी दफ्तरों, मे काम कराना है तो,
वहां पे पैसे, पहले दो ।
कोई टेंडर पास, कराना है तो,
पहले साहब की, जेबें गरम करो ॥

कोई गाड़ी पासिंग, कराना है तो,
अधिकारी को, रिश्वत पहले दो ।
ट्रेनों मे आरक्षण, कराना है तो,
पहले टी.टी.ई की, जेबें गरम करो ॥

कोर्ट-कचहरी का, हाल मत पूछो,
लड़ते-लड़ते मुकदमा, थक जावोगे ।
शुरू मे थे यदि, करोण पति,
आखिर मे, कंगाल पति बन जावोगे ॥

यह चंद तश्वीर, है रिश्वतों की,
जो कुछ लोग, लिया करते ।
पैसों से भुख, मिटा कर के अपना,
और सब  को, बदनाम किया करते ॥

आज-कल के जमाने, को देख-देख कर,
दर्द दिलों, मे होता है ।
पत्थर दिल भी कलेजा, कांप उठता,
मरने पर भी, आत्मा रोता है ॥

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
28-01-2000,friday,9pm,
chandrapur,maharashtra.

No comments: