Monday 19 February 2024

विकास के नाम पर, राज्यों का बटवारा

विकास के नाम , राज्यों का बटवारा,
इस बात से तो, असहमत हैं हम
हां, नेता-मंत्रियों का, होता है विकास,
इस बात से तो, सहमत हैं हम

भाई-भाई में, फूट डालकर,
ये खुश होके, ताली बजाते हैं
लोगों के दिलों में, नफरत पैदा कर,
ये हम जीत गये, चिल्लाते हैं

अब तक जितने, बटवारे हुए,
उनमे कोई खास, परिवर्तन दिखता है नहीं
कुछ एक-दो, राज्यों को छोड़कर,
कहीं कोई विकास, दिखता है नहीं

छोटे राज्यों की, नित उठ रही मांग,
ये देश के हित मे, ठीक नही
कहीं हों जायें, हम फिर से गुलाम,
यह बात भी हो, सकता है सही

यदि निष्पक्ष भाव से, सब जगह हो विकास,
तो ऐसे बटवारों से, बच सकते हैं हम
बे-वजह इन खर्चों, के बोझ को,
बहुत कुछ कम कर, सकते हैं हम

विकास के नाम पर, राज्यों का बटवारा,
इस बात से तो, असहमत हैं हम
हां, नेता-मंत्रियों का, होता है विकास,
इस बात से तो, सहमत हैं हम


मोहन श्रीवास्तव (कवि)

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