कब से आवाज दे रही तुमको,अब तो मेरे पास तुम चले आवो !
ये तो मौशम बड़ा सुहाना है,मुझे अब और ना तुम तड़पावो !!
कब से आवाज...............
मै तेरी दिवानी बन ही गई,आके बाहों मे ले लो तुम अपने !
प्यार भरी बातें तुम करो मुझसे,कब से देखूं पिया तेरे सपने !!
कबसे आवाज...............
मेरी सूनी सी जिन्दगी मे तुम,मेरे हम रह बन कर आए हो !
इस अंधेरे भरे इन राहों मे,तुम तो चिराग बन कर आए हो !!
कब से आवाज.............
अब तो जब मिल गए हो मुझको तुम,कभी हमसे जुदा नही होना !
चाहे कितने सितम भी आ जाएं,मेरी नजरों से दूर मत होना !!
कब से आवाज दे रही तुमको,अब तो मेरे पास तुम चले आवो !
ये तो मौशम बड़ा सुहाना है,मुझे अब और ना तुम तो तड़पावो !!
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
२८/४/१९९९,चन्द्रपुर महा.
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