ये मेरा दिल तो ये,यादों का इक बसेरा है ।
कोई धुंधली सी तश्वीर का,ये डेरा है ॥
ये मेरा दिल तो ये.....
कभी यादें जो आते हैं, लहरों की तरह ।
इन लहरों के संग मे,रिश्ता मेरा ॥
ये मेरा दिल तो ये.....
यादें आकर के चले जाते हैं, सपनों की तरह ।
जैसे कोई शाम,फिर रात,कोई
सबेरा है ॥
ये मेरा दिल तो ये.....
कभी बचपन,जवानी,ये बुढ़ापे
के दिन ।
उन दिनों का न ये, जाने कौन लूटेरा है ॥
ये मेरा दिल तो ये.....
अब तो यादों का सहारा है,हमारे ही लिये ।
मेरे चारों ही तरफ, यादों का ही घेरा है ॥
ये मेरा दिल तो ये,यादों का इक बसेरा है ।
कोई धुंधली सी तश्वीर का,ये डेरा है ॥
ये मेरा दिल तो ये.....
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
15-05-2001,tuesday,03:40pm,(485),
thoppur,dharmapuri,tamilnadu.
No comments:
Post a Comment