Monday, 19 February 2024

गजल (ये मेर दिल तो ये यादों का इक बसेरा है)

ये मेरा दिल तो ये,यादों का इक बसेरा है ।
कोई धुंधली सी तश्वीर का,ये डेरा है ॥
ये मेरा दिल तो ये.....

कभी यादें जो आते हैं, लहरों की तरह ।
इन लहरों के संग मे,रिश्ता मेरा ॥
ये मेरा दिल तो ये.....

यादें आकर के चले जाते हैं, सपनों की तरह ।
जैसे कोई शाम,फिर रात,कोई सबेरा है ॥
ये मेरा दिल तो ये.....

कभी बचपन,जवानी,ये बुढ़ापे के दिन ।
उन दिनों का न ये, जाने कौन लूटेरा है ॥
ये मेरा दिल तो ये.....

अब तो यादों का सहारा है,हमारे ही लिये ।
मेरे चारों ही तरफ, यादों का ही घेरा है ॥

ये मेरा दिल तो ये,यादों का इक बसेरा है ।
कोई धुंधली सी तश्वीर का,ये डेरा है ॥
ये मेरा दिल तो ये.....

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
15-05-2001,tuesday,03:40pm,(485),
thoppur,dharmapuri,tamilnadu.


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