मनवा हमार बेइमान हुआ,
गोरी तोहार चाल देख के...२
दिल में बहुत अरमान जगा,
गोरी तोहार हाल देखके...२
मनवा हमार.....
जब से देखे हम गोरी तोर सुरतिया....२
दिल मे जगल बा तोहसे पिरीतिया....२
प्यार क कइसन संचार हुआ..
गोरी तोहार हाल देखके...२
मनवा हमार.....
तुम फूल सी नाजुक कोई परी हो...२
मन-मोहिनी तुम इक सुंदरी हो....२
जियरा हमार बेकरार हुआ....
गोरी तोहार हाल देखके...२
मनवा हमार.....
तोहार मनमोहक मुखड़ा से चाँद शरमाला...२
नथिया अउर झुमका से हो गइल उजाला...२
हमार तन तो अगन से बेहाल हुआ...
गोरी तोहार हाल देखके...२
मनवा हमार.....
पतली कमरिया अदा से लचकालू....२
तोहार जोबना के देखके बुरा हाल हुआ...
गोरी तोहार हाल देखके...२
मनवा हमार.....
अंखियन से नींदिया उड़ा गइलू गोरिया...२
हमरे तन पे बिजुरी गिरा गइलू गोरिया...२
तोहार पायल क कइसन झंकार हुआ....
गोरी तोहार हाल देखके...२
मनवा हमार.....
मनवा हमार बेइमान हुआ,
गोरी तोहार चाल देख के...२
दिल में बहुत अरमान जगा,
गोरी तोहार हाल देखके...२
मनवा हमार.....
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
30-10-2000,monday,7:50pm,401),
chandrapur,maharashtra.
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