दो-दो शदियों के महानायक आप हैं,
आपका तो कोई जवाब नहीं ।
आप से जो भी कर ले बात है,
वो समझते हैं कहीं ए ख्वाब तो नहीं ॥
आपकी छवि तो कोई मूरत सी है,
जिन्हें सब कोई हैं पूजना चाहते ।
आप आदर्श हैं उन चाहने वालों के,
जिसके पथ पर लोग हैं चलना चाहते ॥
बड़ी फुर्सत से विधि ने बनाया आपको,
जिसने हर खुबसुरत अदा को दिया आपमें ।
आचरण,शीलता और भी धैर्यता,
हर कला को भी विधि ने भरा आपमें ॥
खुबियां तो बहुत सी हैं आपमें,
पर सब को अपना बना लेते आप हैं ।
या बड़े पर्दे पर अभिनय की बात हो,
चाहे टी,वी शोज सभी आपके दास हैं ॥
आपकी ऊम्र हो लम्बी अमिताभ जी,
आप इस जहां में दमकते रहें ।
जब तक सुरज और चाँद है इस गगन में,
जब तक सुरज और चाँद है इस गगन में,
आप हर पल ऐसे ही चमकते रहें ॥
दो-दो शदियों के महानायक आप हैं,
आपका तो कोई जवाब नहीं ।
आप से जो भी कर ले बात है,
वो समझते हैं कहीं ए ख्वाब तो नहीं ॥
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjalai.blogspot.com
18-10-2013,friday,11:pm
night,(771),
pune,maharashtra.
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