सरकार चाहे कैसी भी बने,
स्थिरता पहले आना है ।
जिस तरह से विकास हो भारत का,
उसे वहे नीति अपनाना है ॥
जाति,पाति,भाषा,मजहब,
नफरत की कहीं दिवार न हो ।
सबका हो सम्मान-मान,
कहीं हिंसा या अत्याचार न हो ॥
सरकारी कामों मे हो पारदर्शिता,
किसी तरह का भ्रष्टाचार न हो ।
महिलाओं की भी हो सम्पूर्ण सुरक्षा,
और उन पर कहीं व्यभिचार न हो ॥
जन-जन मे हो शिक्षा का जागरण,
तो हम हर क्षेत्र मे हैं तरक्की कर सकते ।
कमजोरों को सताये न कोई अकारण,
तो हम नफरत भी प्यार मे बदल सकते ॥
सबके लिये हो कानून बराबर,
और सजा मिले हर अपराधी को ।
जरुरतमंदों को मिले सम्पूर्ण सुरक्षा,
और देश मे अधिक आवादी न हो ॥
मोहन श्रीवास्तव (कवि),
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
04-10-2013,friday,2:00pm,(766),
pune,maharas
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