Monday, 19 February 2024

भगवान की ये कैसी पूजा

भगवान की ये कैसी पूजा,
जहां जानवरों की बलि है दी जाती
उनके बहाने उन सबकी,
क्षुधा-तृप्ति है हो जाती

अपनी खुशियों के लिये हम,
निर्दोषों की बलि को देते
ऊपर वाला खुश होगा हमसे,
उन मासूमों को कत्ल हम कर देते

ईश्वर ने बनाया हम सबको,
हम सब उसकी संतान हैं
उनको बनाया है पशु-पक्षी,
तो हमको बनाया ईन्षान है

अपने जीवन जैसा ही,
उन्हें उनका भी जीवन प्यारा है
हम मानव रूप मे हो रहे हैं प्रसन्न,
तो उन्हें उनका ही रूप तो प्यारा है

मत मारो निर्दोषों को,
नहीं तो उनका बद्दुआ तो मिलेगा ही
प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ही,
हमे इसकी सजा तो मिलेगा ही

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
11-10-2013,friday,9:00am,(767),

pune,m.h.

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