हम अदावों पे आशिक हुये आपके,
आप अपनी अदा और दिखलाइये ।
चाहने दिल लगा है मेरा आपको,
आप पल-पल तो युं ही मुस्काइये ॥
आती है मुखड़े पे जब हंसी आपके,
फूल भी आपसे तो शर्माते हैं ।
बोलते बोल हैं कोई आप तो,
उजड़े गुलशन मे बहार आ जाते हैं ॥
आप चलते हैं पलकें रुक जाते हैं,
आप रुकते हैं निगाहें झुक जाते हैं
।
आपके चाँद के मुखड़े को देखके,
आशिकों के दिल तो मचल जाते हैं ॥
जुल्फ हैं आपके बादलों की तरह,
चाँद से मुखड़े पे जब वो छा जाते हैं
।
परियों की तरह है हर अदा आपकी,
हर दिल में जो ये समा जाते हैं ॥
हम अदावों पे आशिक हुये आपके,
आप अपनी अदा और दिखलाइये ।
चाहने दिल लगा है मेरा आपको,
आप पल-पल तो युं ही मुस्काइये ॥
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
23-06-2001,saturday,07:00pm,(497),
thoppur,dharmapuri,tamilnadu.
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