Monday, 19 February 2024

हनुमत वंदना (तुम्हें दिल मे बसा लूं मैं)

तुम्हें दिल मे बसा लूं मैं,पलकों मे बिठा लूं मैं
हनुमत मेरे,हनुमत,आखों से चुरा लूं मैं
तुम्हे दिल मे बसा लूं मैं.......

तेरा रूप मनोहर है,मुखड़ा है प्यारा
लाल लंगोटी है,प्रभु लाल-लाल काया
गदा हाथ लिये के,मूरत को बसा लूं मै
हनुमत मेरे,हनुमत,आखों से चुरा लूं मैं
तुम्हे दिल मे बसा लूं मैं.......

प्रभु राम-राम हर पल तुम नाम जपा करते
भक्तों के दुःख को तुम ,पल-पल ही हरा करते
पर्वत के लिये प्रभु को,दिल मे बसा लूं मैं
हनुमत मेरे,हनुमत,आखों से चुरा लूं मैं
तुम्हे दिल मे बसा लूं मैं.......

तुम ग्यान के सागर हो,स्नेह के चादर हो
कोई नही तुम सा,तुम सब के आदर हो
उड़ते हुए हनुमत को,दिल मे बसा लूं मैं
हनुमत मेरे,हनुमत,आखों से चुरा लूं मैं
तुम्हे दिल मे बसा लूं मैं.......

प्रभु अतुलित बल तुममे,तुम भाग्य बिधाता हो
प्रभु हमपे कृपा करना,बस तुम ही आशा हो
प्रभु सब कुछ तुम कर सकते,लो याद दिला दूं मैं
हनुमत मेरे,हनुमत,आखों से चुरा लूं मैं
तुम्हे दिल मे बसा लूं मैं.......

तेरा रूप मनोहर है,मुखड़ा है प्यारा
लाल लंगोटी है,प्रभु लाल-लाल काया
गदा हाथ लिये के,मूरत को बसा लूं मै
हनुमत मेरे,हनुमत,आखों से चुरा लूं मैं
तुम्हे दिल मे बसा लूं मैं.......

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
25-08-2013,sunday,10pm(737),
pune,maharashtra.


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