बजरंगी मेरी नइया को, खेना जरूर ।
चाहे हम पास रहें, या रहे दूर ॥
भक्ति की सुधि तो,
लेना जरूर ।
चाहे हम पास रहे, या रहे दूर ॥
बजरंगी मेरी नइया को.......
तुममे तो प्रभु जी है, बल का खजाना ।
का चुप साधि रहे, हो बलवाना ॥
अपने तो बल को ना, जाना कभी भूल ।
चाहे हम पास रहे, या रहे दूर ॥
बजरंगी मेरी नइया को.......
सीता माँ का खोज करके, लंका जलाया ।
लक्ष्मण को सजीवन से, तुमने जिलाया ॥
सुरज को निगले थे, बचपन मे तुम ।
चाहे हम पास रहे, या रहे दूर ॥
बजरंगी मेरी नइया को.......
संकटमोचन प्रभु, नाम तुम्हारा ।
हम सब के तुम हो, एक सहारा ॥
श्री रामदूत हनुमान हो तुम ।
चाहे हम पास रहे, या रहे दूर ॥
बजरंगी मेरी नइया को.......
राम भजन मे ही, मस्त रहा करते ।
भक्तों की कामना को, सिद्ध किया करते ॥
हम सबके दुःख को, कर दो तुम दूर ।
चाहे हम पास रहे, या रहे दूर ॥
बजरंगी मेरी नइया को.......
बजरंगी मेरी नइया को, खेना जरूर ।
चाहे हम पास रहें, या रहे दूर ॥
भक्ति की सुधि तो,
लेना जरूर ।
चाहे हम पास रहे, या रहे दूर ॥
बजरंगी मेरी नइया को.......
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
24-08-2013,saturday,11:30am,(736),
chandrapur,maharashtra.
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