Monday, 19 February 2024

भगवान कृपा के सागर हैं

भगवान कृपा के सागर हैं,
भक्तों पे दया करते रहते
आसूं जो बहाये उनके लिये,
उनके तो सदा दिल मे रहते
भगवान कृपा के सागर हैं.......

उनके दिल में नहीं भेद-भाव,
सब जीव वहां पे बराबर हैं
या धनी हो या  हो गरीब कोई,
सबको मिलता वहां आदर है
भगवान कृपा के सागर हैं.......

उनकी आखों में नींद नहीं,
सब सोते हैं वे जगते रहते
ममता के अपने आंचल से,
ऊपकार सदा करते रहते
भगवान कृपा के सागर हैं.......

उन्हें भूख नहीं पकवानों की,
ना ही झूठा दिखावा उन्हें चहिए
श्रद्धा के भूखे हैं भगवन,
उन्हें प्यार सदा करते रहिए
भगवान कृपा के सागर हैं.......

वे अन्तर्यामी हैं भगवन,
मन की हर बात वे जानते हैं
हर जीव की सब गति विधियों को,
वे भली-भांति पहचानते हैं
भगवान कृपा के सागर हैं.......

कभी कोई इक बूंद आंसू,
जो उनके लिये बहाता है
ऐसे भक्तों के मान-लाज,
प्रभु आके सदा बचाते हैं

भगवान कृपा के सागर हैं,
भक्तों पे दया करते रहते
आसूं जो बहाये उनके लिये,
उनके तो सदा दिल मे रहते

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
17-02-2001,saturday,9:40am,(456),

thoppur,dharmapuri,tamilnadu.

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