लाडला मेरे लाडला,
आ मेरे आंचल में आ....२
सावंरा मेरा सावंरा,
अब नहीं हमको रिझा...२
लाडला मेरे लाडला....
तूं कहां पे है छिपा,
ढूढ़ती हूं मैं तुझे ।
आ मेरे दिल के चिराग,
रोशनी दे दे मुझे ॥
लाडला मेरे लाडला....
भुखा होगा तू कहां,
आ पिला दूं दूध तुझे ।
सीने मे अपने छिपा के,
प्यार मैं कर लूं तुझे ॥
लाडला मेरे लाडला....
तू गीत है,संगीत मैं,
तू धूप तो तेरी छांव मैं ।
तू दिन है तो रात मैं,
तेरी बनी परछाई मैं ॥
लाडला मेरे लाडला....
मैं तेरी मइया हूं तो,
तु मेरा तो प्राण है ।
तू ही सहारा है मेरा,
तू ही तो मेरी जान है ॥
लाडला मेरे लाडला....
लाडला मेरे लाडला,
आ मेरे आंचल में आ....२
सावंरा मेरा सावंरा,
अब नहीं हमको रिझा...२
लाडला मेरे लाडला....
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
16-02-2001,friday,7:55pm,(455),
thoppur,dharmapuri,tamilnadu.
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