सो जा मेरे राजा,सो जा मेरे लाल ।
सो जा मेरे मुन्ना,सो जा मेरे गोपाल ॥
सो जा मेरे राजा....
दिन भर की उछल=कूद से,
कितना तूं थक जाता है ।
कहां-कहां से घूम-घूम कर,
फिर घर तू वापस आता है ॥
तुझे न देखूं इक पल तो,
मैं हो जाती बेहाल....२
सो जा मेरे राजा....
आ मैं तुझे आंचल में छिपा लूं,
अब तूं जाना कहीं नहीं ।
तुझे खिलाऊं माखन-मिश्री,
और पिलाऊं दूध-दही ॥
तुं है मेरे आखों का तारा,
तू ही सुरज-चाँद...२
सो जा मेरे राजा....
नींद की रानी,नींदिया रानी,
धीमे से आ जावो ।
मेरे दिल के टुकड़े पर,
अपनी कृपा बरसावो ॥
ये है मेरा राज दुलारा,
ये है मेरा चिराग...२
सो जा मेरे राजा,सो जा मेरे लाल ।
सो जा मेरे मुन्ना,सो जा मेरे गोपाल ॥
सो जा मेरे राजा....
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
12-12-2000,tuesday,11:10am,(427),
chandrapur,maharashtra
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