खुब मनावो होली यारों,
जी भर के आनंद करो ।
रंग लगावो प्यार से सबको,
दिल से सबको सलाम करो ॥
मिलन का त्योहार है होली,
गले मिलो सब प्यार से ।
आपसी मतभेद भुलाकरके,
बन कर फूलों का हार से ॥
दुःखियों के आंसू पोछो,
अपने स्नेहिल हाथों से ।
उनके दिलों मे उत्साह भरो,
प्यार की मिठी बातों से ॥
तरह-तरह के रंगों से,
मिल सब एक हो जावो ।
नफरत को जड़ से मिटा करके,
होली खुब मनावो ॥
नफरत को जड़ से मिटा करके,
होली खुब मनावो....
मोहन श्रीवास्तव (कवि),
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
09-03-2001,friday,08:05pm,(471),
thoppur,dharmapuri,tamilnadu.
No comments:
Post a Comment