जब भी हम बुलायें मइया, आना जरुर,
चाहे मइया पास रहो, या रहो दूर ।
भक्तों को मइया ना, जाना कभी भूल।
चाहे मइया पास रहो, या रहो दूर ॥
जब भी हम बुलायें, मइया......
तेरे सहारे बस, हम सब हैं माता ।
तेरी भक्ति करने, हमे नही आता ॥
हम तो बस चाहें मइया, तेरे चरणों की धूल ।
चाहे मइया पास रहो, या रहो दूर ॥
जब भी हम बुलायें, मइया......
कोई ना अपना माँ, तेरे सिवा है ।
जो कुछ भी पास है, वो तुने दिया है ॥
देना माँ हम सबको, खुशहाली भरपूर ।
चाहे मइया पास रहो, या रहो दूर ॥
जब भी हम बुलायें, मइया......
हर पल तुम्हारा मइया, ध्यान करे हम ।
दिल से भी नेक, ईंषान बने हम ॥
ना हमे कभी हो, कैसा भी गुरुर ।
चाहे मइया पास रहो, या रहो दूर ॥
जब भी हम बुलायें, मइया......
दूर है तू, हम दरश नही पाते ।
टेढ़े-मेढ़े,उंचे-नीचे,संकरे हैं रास्ते ॥
तु हमे दरश अपना, देना जरुर ।
चाहे मइया पास रहो, या रहो दूर ॥
जब भी हम बुलायें, मइया......
जब भी हम बुलायें मइया, आना जरुर,
चाहे मइया पास रहो, या रहो दूर ।
भक्तों को मइया ना, जाना कभी भूल।
चाहे मइया पास रहो, या रहो दूर ॥
जब भी हम बुलायें, मइया......
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
23-08-2013,friday,10am,(735)
pune,maharashtra.
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