मेरे प्यारे अपने सारे, मुझे भूलना नही तुम !
मै रहूं या ना रहूं, मुझे ढूढ़ना नही तुम !!
मेरे प्यारे .............
जब भी मेरी याद आए,मेरे गीत गा तुम लेना !
अपने दिल की रोशनी मे, मेरे गीतों को पढ़ तुम लेना !!
मेरे प्यारे...........
गजले है इसकी मूरत, कविता है इसका मन्दिर !
भजनें हैं फ़ूल की सी,दोहें हैं इसके बिस्तर !!
मेरे प्यारे..................
आरती है इसकी ,जो गाए इनको लय से!
परसाद है हमारी,खुशियां मिले जो इनसे !!
मेरे प्यारे......................
आलोचना है डाली, खुशुबू जो इसके फ़ल है !
जो ले हंसी यदि इनकी, वो मेरे गंगाजल है !!
मेरे प्यारे................
तुम खुश रहो तो हमको,सारी खुशी मिलेगी !
दुख के दिया के बदले,खुश रोशनी मिलेगी !!
मेरे प्यारे...............
अब ये तुम्हार मोहन ,है आसुवों से बोझिल !
ये गीत ही हमारे, मेरे याद के है काबिल !!
मेरे प्यारे अपने सारे..................
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
दिनांक-३०/१२/१९९१ ,सोमवार,दोपहर , २.०५ बजे,
चन्द्रपुर (महाराष्ट्र)
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