Monday, 19 February 2024

भोजपुरी (निर्गुण) (कइल तू तइयारी हे गोरिया)

कइल तू तइयारी हे गोरिया...
जाना तोहे ससुराल...
हे गोरिया कइल तू तइयारी....

हरे-हरे बांस की डोली बनेगी,ना कोई घोड़ा-गाड़ी...
चार जने मिलि कन्धा देके,पहुंचैहहिं  तोहें ससुरारी...
हे गोरिया कइल तू तइयारी....

मात-पिता सब फुटि-फुटि रोइअहिं,रोइअहिं भाई-भउजाई...
रोइअहिं प्रियजन जब तू जइबू,जिनसे नेह लगाई...
हे गोरिया कइल तू तइयारी....

रोइअहिं बेटा अउर बेटी,रोइअहिं देवर-देवरानी...
पिया तोहार जनम भर रोइअहिं,रोइअहिं ननद जेठानी...
हे गोरिया कइल तू तइयारी....

संग शमशान तक सब जन जाके,तोहरा चिता सजइअहिं...
प्यार से तोहके उसपे लिटाके,फिर तन मे आग लगइहिं..
हे गोरिया कइल तू तइयारी....

सुखी घास जइसे बाल जलेगा,कागज जइसन चमड़ी...
हाड़-मांस सब धू-धू जलेगा,जइसन सुखी लकड़ी....
हे गोरिया कइल तू तइयारी....

जबसे जनमलू,तन के सजइलू,आज बनू तू राखी...
तोहे जाना पड़ा अकेली,कोई संग ना साथी......
हे गोरिया कइल तू तइयारी....

कइल तू तइयारी हे गोरिया...
जाना तोहे ससुराल...
हे गोरिया कइल तू तइयारी....

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
04-12-2000,monday,01:05pm,(419),

chandrapur,maharashtra.

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