Monday, 19 February 2024

गजल (तुम्हें तो याद मैं उतना ही और आऊंगी)

हमें भुलानें की कोशिश, करोगे तुम जितना ।
तुम्हें तो याद मै, उतना ही और आउंगी ॥
हमें भुलानें की कोशिश.....

तुम हमसे दूर जितना ही,और जावोगे ।
तुम्हारे पास मैं उतना ही,और आउंगी ॥
हमें भुलानें की कोशिश.....

जहां भी जावोगे, हमको वहां पे पावोगे ।
तुम्हारे राहों के काटों को,मैं चुन दुंगी ॥
हमें भुलानें की कोशिश.....

तुम्हारे यादों में गम का, न कोई डेरा हो ।
तुम्हारे गम को मैं, खुशियों से अपने भर दुंगी ॥
हमें भुलानें की कोशिश.....

तुम्हे तो दिल मे, अपने बसा लिया मैने ।
तुम्हें तो अपना, बनाके मैं दिखाउंगी ॥

हमें भुलानें की कोशिश, करोगे तुम जितना ।
तुम्हें तो याद मै, उतना ही और आउंगी ॥

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
27-05-2001,sunday,07:30pm,(491),
thoppur,dharmapuri,tamilnadu.




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