कभी वो दिन भी आएगा ,जब,
कांटो मे से फ़ूल खिलेंगे !
अभी दुख के आंसू निकल रहे,
कभी सुख के बहार मिलेंगे !!
सच्चाई की राह कठिन है,
इससे घबराना ठीक नही !
मुश्किलो से लड़ना सिखो तुम,
यह वर्तमान है तुम्हारा,भविष्य नही !!
अग्नि-पथ पर चलना सिखो,
और अन्याय से कोसो दूर रहो !
नफ़रत भी प्यार मे बदल जाए,
और हॄदय तुम्हारा गंगा जल हो !!
परोपकार करो दिल से,
और ईंसानियत धर्म तुम्हारा हो !
सभी धर्मो का आदर करना,
और सत्य का केवल सहारा हो !!
संतोष का फ़ल मिठा होता है,
यह अपने दिल मे ध्यान धरो !
सदाचार के आवरण मे रहकर,के,
बस कर्तव्य मार्ग पर चलते चलो !!
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
दिनांक-२२/०१/२००१,सोमवार-सुबह-४.३० बजे,
धरमपुरी(तमिलनाडु)
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