Monday, 19 February 2024

हम फूल हैं गुलशन के

हम फूल हैं गुलशन के,
हमें प्यार से बस छू लो
देखो मत नफरत से,
नहीं जोर-जोर से मसलो॥

हम रंग-बिरंगे हैं,
आपस मे लड़ते हैं
दुःख-सुख में हर पल हम,
हंसते ही रहते हैं

नफरत से छुओगे,
हम कांटों से चुभायेंगे
प्यार से आओगे,
तो खुश्बू महकायेंगे

हम कांटों मे भी रह करके,
फूलों की महक देते
तुम फूलों में रहकर भी,
कांटों से लहू देते

जब दर्द सताये तो,
तुम पास चले आना
खुश्बू को लेके तुम,
हमें दर्द को दे जाना
खुश्बू को लेके तुम,
हमें दर्द को दे जाना.....

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
11-03-2001,sunday,10:15am,(473),
thoppur,dharmapuri,tamilnadu.


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