जीवन है अनमोल ये,
इसे ऐसे यूं न गवांवो ।
खाली बैठना ठीक नहीं,
कुछ काम तो करते जावो ॥
बेकार की बातों में मत उलझो,
नही समय बर्बाद करो अपना ।
बुरे काम से रहो दूर सदा,
बस अच्छे काम मे हो दिल अपना ॥
जीवन की घड़ी चलते-चलते,
कब जाने कहां हैं रुक जाये ।
साथ आज हैं हम इनके,
कब साथ है इनका बिछुड़ जाये ॥
सत्य मार्ग व शुद्ध आचरण,
बस सदाचार अपनावो ।
परोपकार,भलाई के काम को करके,
जग मे नाम कमावो ॥
क्रोध को काबू करना सीखो,
और नेक हो तुम्हारा ईरादा ।
बेइमानी से बचो सदा,
और पुरे करो अपना वादा ॥
चिंता करके तन न घटावो,
और लालच नहीं बढ़ावो ।
सभी जीवों पर दया करो,
और दुश्मन को भी गले लगावो ॥
जीवन है अनमोल ये,
इसे ऐसे न गवांवो ।
खाली बैठना ठीक नही,
कुछ काम तो करते जावो ॥
जीवन है अनमोल ये,
इसे ऐसे यूं न गवांवो ।
खाली बैठना ठीक नहीं,
कुछ काम तो करते जावो ॥
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
27-01-2001,saturday,11:10am,(445),
thoppur,dharmpuri,tamilnadu.
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