प्यारी-प्यारी कितनी दुलारी,
गाय हमारी माता है ।
सीधी सादी भोली भाली,
ये हम सबकी भाग्यविधाता है॥
गाय हमारी माता है.......
दूध हमें मिलता है इससे,
और बहुत औषधि मिलती ।
गौ दान मात्र कर देने से,
भव सागर से हमें मुक्ति मिलती ॥
गाय हमारी माता है..........
गौ सेवा से बढकर के,
दुनिया में कोई भक्ति हैं नही ।
ये सर्व शक्ति मान हैं मां अपनी,
इसकी जैसी किसी में शक्ति है नही ॥
गाय हमारी माता है..........
जिस घर में गाय की सेवा हो,
उस घर में सुख समृध्दि भरा रहता ।
गौ माता की भक्ति से,
दु:ख पाप सदा ही कटा करता ॥
गाय हमारी माता है..........
गौ रक्षा करना हमारा प्रथम धर्म,
जो इन्हें दुःख दे, वे दुश्मन हैं ।
मां से भी बढ़कर है गौ मां,
इसपे अपना जीवन अर्पण है ॥
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
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05-09-2013,thursday,11
pm,(746),
pune,maharashtra,
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