Monday, 19 February 2024

मौत से मर जावो पहले

मौत से मर जावो पहले,
तो मौत का भय नही रहता है ।
हंस करके लगा लो यम को गले,
तो दुःख का आंसू नही बहता है ॥

अपने को बचा के कितना भी रखो,
पर मौत से बच सकते हो नही ।
जहां जीवन है वहां मौत भी है,
यह बात सदा तुम मानो सही ॥

ये रिश्ते-नाते दिखावे के,
असली रिश्ता हमारा मौत से ही है ।
चाहे उसे भुलाने की लाख कोशिश करें,
पर आखिरी मित्र हमारा मौत ही है ॥

जब तक संसार मे हैं हम तुम,
तब तक सुख-दुःख का घेरा है ।
मरने के बाद तो सुख ही सुख है,
जहां अपने-पराये का न बसेरा है ॥

जब तक श्वांश है तन मे तेरे,
ये तब तक सभी तुम्हारे हैं ।
मरने के बाद न इनके हम हैं,
और नही ये सब हमारे हैं ॥

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
22-05-2001,wesnsday,11:10am,(489),

thoppur,dharmapuri,tamilanadu.

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